श्री लक्ष्मी माता स्तुति
त्वदन्यायाः कुलनायिके सतीत्वं सत्वरूपिणि।
त्वत्स्वभावाच्च सत्यात्मन्नित्यं नमस्ते जगद्गुर।।
कल्याण्यै त्वत्समानायाः कामितार्थप्रदायिनि।
नमस्ते कमले देवि नारायणवल्लभे।।
त्वदन्या सर्वकर्तृत्वं सत्वरूपा जगत्प्रिये।
त्वया सम्पन्नमनसो भूयो भूयो न जायते।।
नमस्ते स्वप्रकाशायै भास्वत्काननकुञ्जरे।
नमः सुन्दरिकायै सत्याभासायै चारुचर्चितायै।।
नमः सौम्यगुणान्वितायै नित्यायै सत्यसाधने।
नमस्ते समरूपायै विश्वमात्रे नमो नमः।।
नमस्ते विश्वरूपायै विश्वस्यैकस्थितायै।
नमस्ते शुभदायैऽऽऽर्यै पुण्यकीर्तयै सत्यशीलायै।।
नमस्ते नित्यमुक्तायै नित्यायै सत्यसाधने।
नमस्ते विश्वसृष्ट्यै स्थित्यै प्रलयकारिणि।।
नमस्ते पुण्यकीर्तयै विश्वस्यैकस्थितायै।
नमस्ते सत्यदेवायै सत्याभूतायै सत्यहृते।।
नमस्ते नित्यसुधायै शुभदायै सतांगते।
नमस्ते नीतिस्थायैऽऽऽर्यै श्रीनिधये नमो नमः।।
नमस्ते मन्दरायै भूतिदायै सुभागिने।
नमस्ते कामिन्यै कान्तायै कामरूपाय नमः।।
नमस्ते महालक्ष्म्यै विद्ये विद्यारूपिणि।
त्वया सम्पन्नमनसो भूयो भूयो न जायते।।