भगवान शिवजी की आरती
ॐ जय शिव ओंकारा, प्रभु जय शिव ओंकारा।
ब्रह्मा, विष्णु, सदाशिव, अर्द्धांगी धारा॥
एकवचन, शिवकी, ज्योति, सदायंकारा।
ओंकारा, रूपी, महादेव की ज्योति धारा॥
शिवा, उमा, नीलकंठ, महादेव, जयकारा।
भस्मांग भूषा गायें, सर्वकार्य सुखकारा॥
नन्दी, गनेश, सोहत, रिद्धिसिद्धि के संकेत।
वृद्धि भवानी नुत, पदपंकज चारनेत॥
कटिपयादी, सुरमुनि बृंदन, यमदूतों में संघनी।
संकट को आप सब, विरजे, सुलक्षण, तारनी॥
त्रिगुण बीराज, विद्या भवानी, माहेश, मुखदलवानी।
जब खली करे निया, तात, तुम देवदेव, महादेव॥
चांदूचक्र वज्रांकुश बाणपाणि,
त्रिशूलधारी, जगके त्राता।
अभिदा, अन्गहीन,
चिरजीव अशीष देहि, चरणों में प्यारे॥
ॐ जय शिव ओंकारा, प्रभु जय शिव ओंकारा।
ब्रह्मा, विष्णु, सदाशिव, अर्द्धांगी धारा॥